BA Semester-5 Paper-2B History - Socio and Economic History of Medieval India (1200 A.D-1700 A.D) - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.)

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2788
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- नूरजहाँ के जीवन चरित्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। उसकी जहाँगीर की गृह व विदेशी नीति के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।

उत्तर -

नूरजहाँ
(Nurjahan)

नूरजहाँ का मूल नाम मेहरून्निसा था। उसका पिता मिर्जा ग्यास बेग फारस का निवासी था। आर्थिक संकट के कारण उसको अपना देश छोड़ देना पड़ा। वह कुछ व्यापारियों के साथ भारत की ओर बढ़ रहा था कि मार्ग में उसकी पत्नी ने एक कन्या को जन्म दिया। इस कन्या का नाम मेहरून्निसा रखा गया। व्यापारियों के नेता ने ग्यासबेग का सम्राट अकबर से परिचय कराया व मिर्जा ग्यासबेग उसकी पत्नी व पुत्र-पुत्री के साथ अकबर के यहाँ रहने लगे। अपनी योग्यता के कारण वह अकबर का कृपापात्र बन गया व तीन हजार के मनसब तक पहुँच गया ग्यासबेग ने जहाँगीर से 'एतमादुद्दौला' की भी उपाधि पाई।

मेहरून्निसा व शेर अफगान से विवाह

मेहरून्निसा शाही महल में बड़ी होने लगी और शीघ्र ही वह अपने विवाह के लिए परिपूर्ण हो गयी। उसी समय मुगल दरबार में अली कुली खाँ नामक व्यक्ति सेवारत था। अब्दुर्रहीम खान - खाना के सम्पर्क में आकर वह अकबर तक पहुँचा और सैनिक पद पर नियुक्त हो गया। वह सलीम के साथ मेवाड़ विजय के लिए गया था वहाँ उसने एक शेर को मारा था। इसलिए सलीम ने उसे शेर अफगान की उपाधि दी। इसी शेर अफगान से ग्यासबेग ने अपनी पुत्री मेहरून्निसा का विवाह इसके साथ कर दिया। शेर अफगान व मेहरून्निसा की एक पुत्री भी हुई जिसका नाम बेगम लाडली था।

शेर अफगान की मृत्यु - जहाँगीर के समय में बंगाल में विद्रोह हो रहे थे। शेर अफगान को भी विद्रोह का दोषी ठहराया गया और उसके विरुद्ध शाही सेना भेजी गई। सेना को आदेश दिया गया था कि शेर अफगान को जीवित बन्दी बनाकर जहाँगीर के सामने पेश किया जाए। किन्तु दुर्भाग्य से वह सैनिक द्वारा मारा गया। मेहरून्निसा अपनी बेटी के साथ जहाँगीर के शाही महल में भेज दी गई और वह वहाँ वह सलीम की माता की सेवा में लग गई।

मेहरून्निसा का जहाँगीर से विवाह - शेर अफगान की मृत्यु सन् 1607 ई. में हुई थी। सन् 1607 ई. से सन् 1611 ई. तक वह सलीम की माता की सेवा में लगी रही। सन् 1611 ई. में नौरोज के उत्सव में जहाँगीर ने मेहरून्निसा को देखा और उसके रूप को देखकर मुग्ध हो गया और 34 वर्षीय एक बच्ची की माँ व एक विधवा के साथ उसने विवाह कर लिया। उसको कालान्तर में नूरजहाँ की उपाधि प्रदान की गई और वह मुगल मलिका बन गई।

नूरजहाँ के चारित्रिक गुण

नूरजहाँ जहाँगीर के समय बिना ताज की मलिका थी उसके चरित्र के निम्नलिखित गुण थे -

(1) कला- प्रेमी - नूरजहाँ को कला में विशेष लगाव था। उसने किमखाब, जड़ी-बूटियाँ निकालकर कला को प्रोत्साहन दिया था। आगरा का किनारी बाजार आज भी उसकी कला का उदाहरण है। इस बाजार में उस समय नूरजहाँ द्वारा निकाली गई किनारियाँ रखी जाती थीं। यह चित्रकला में भी विशेष दक्ष थी।

(2) कुशाग्र बुद्धि उसकी रण - कुशलता व कुशाग्र-बुद्धि की छाप सभी पर थी। लेनपूल ने कहा था- "इस फारस निवासी राजकुमारी का इतना प्रभाव था कि सम्राट जहाँगीर ने सिक्कों पर अपने नाम के साथ उसका नाम भी जोड़ दिया था। "

(3) साहसी - यद्यपि नूरजहाँ में सुन्दरता व कोमलता प्रकृति की देन थी किन्तु उसमें निर्भिकता व साहस का अभाव नहीं था। उसने हाथी पर बैठकर, महावत खाँ के साथ युद्ध करके अपनी निर्भिकता व साहस का परिचय दिया था।

(4) संसार का प्रकाश - उसके रूप के कारण जहाँगीर ने उसे संसार का प्रकाश कहा। वास्तव में वह विश्व सुन्दरी होने के कारण संसार का प्रकाश नहीं थी वरन् वह अपनी उदारता जैसे निर्धनों की सहायता, मुसलमान कन्याओं का विवाह एवं साहित्य कला में विदुषी होने कारण ही उसे संसार का प्रकाश कहा गया।

(5) पतिभक्त - जहाँगीर सम्राट था और वह मेहरून्निसा से बाल्यपन से ही प्यार करता था परन्तु उसका विवाह शेर अफगान से होने पर मेहरून्निसा की भक्ति अपने पति के प्रति रही। परन्तु विधवा होने पर जब उसका विवाह जहाँगीर के साथ हुआ तो व अन्त तक जहाँगीर के प्रति निष्ठावान बनी रही। उसने महावत खाँ से युद्ध करके जहाँगीर को उसकी कैद से छुड़वाया था।

(6) पति प्रिया - नूरजहाँ के रूप लावण्य के कारण जहाँगीर उस पर मुग्ध था वह जहाँगीर की अर्द्धांगिनी व सर्वप्रिय रानी थी उसको जहाँगीर ने अपने अद्वितीय जीवन तक बहुत प्यार दिया।

(7) विभिन्न योग्यताओं की खान - नूरजहाँ अत्यन्त मेधावी स्त्री थी। नूरजहाँ फारसी भाषा में पारंगत, एक कुशल कवियित्री व मानसिक प्रतिभा की थी। वह अपनी कविताओं से जहाँगीर का मनोरंजन करती थी उसे गुलाब से इत्र बनाने का भी श्रेय दिया जाता है।

नूरजहाँ के चारित्रिक दोष
(Defects of Nurjahan's Characters)

(1) ईर्ष्यापूर्ण व्यवहार - नूरजहाँ का जो भी व्यक्ति विरोध करता था उसको वह अपमानित करती थी। खुर्रम, महावत खाँ व महावत खाँ के दामाद का अपमान इसी का उदाहरण है।

(2) गुटबन्दी की प्रेमी - नूरजहाँ के काल को गुटबन्दियों को दो भागों में विभाजित किया गया था। सन् 1611 ई. से सन् 1622 ई. तक प्रथम भाग माना जाता है। सन् 1623 ई. से प्रारम्भ का काल द्वितीय काल माना गया जिसमें उसकी बेटी का विवाह शहयार से करवाया व परवेज व महाघत खाँ को अलग करने का षड्यन्त्र किया।

(3) सम्राट विरोधी - यद्यपि नूरजहाँ सम्राट जहाँगीर की स्वामिभक्ति प्रेमिका थी, उसने अपने प्रिय सम्राट को इतना आरामतलब बना दिया कि वह मादक द्रव्यों को ही अपना मित्र समझने लगा था। इस प्रकार वह सम्राट विरोधी रानी बन गई।

(4) अभिमानी - नूरजहाँ में स्त्रियोचित सद्भावना नहीं थी। साम्राज्ञी होने पर वह अभिमान के मद में चूर थी। अपने अभिमान के मद में नूरजहाँ ने अनेक अनुचित कार्य किए थे। साम्राज्य में पाई जाने वाली दलबन्दी, विद्रोह व छल-कपट नूरजहाँ के छूटे अभिमान के ही परिणाम थे।

(5) स्वार्थी महिला - नूरजहाँ अत्यन्त स्वार्थी महिला मानी जाती थी। आलोचकों का कहना है कि उसने अपने ही परिवार वालों के भले के लिए उससे विवाह किया था और अपने लक्ष्यों को पूरा करने हेतु जो उसके मार्ग में आया उसे उसने रौंद दिया।

निष्कर्ष रूप हम यह कह सकते हैं कि नूरजहाँ का आरम्भ राज्य के हित के लिए हुआ किन्तु उसकी प्रशासन शक्ति को हड़पने की प्रवृत्ति, स्वार्थपरता तथा अज्ञानतापूर्ण पक्षपात ने उसके शत्रु उत्पन्न कर दिए। उसने दरबार में जिन दलबन्दियों की शुरूआत की, अन्त में उसके परिणाम मुगल साम्राज्य के लिए घातक सिद्ध हुए।

 

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सल्तनतकालीन सामाजिक-आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- सल्तनतकालीन केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में प्रांतीय शासन प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- सल्तनतकालीन राजस्व व्यवस्था पर एक लेख लिखिए।
  5. प्रश्न- सल्तनत के सैन्य-संगठन पर प्रकाश डालिए।
  6. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत काल में उलेमा वर्ग की समीक्षा कीजिए।
  7. प्रश्न- सल्तनतकाल में सुल्तान व खलीफा वर्ग के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  8. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  9. प्रश्न- मुस्लिम राजवंशों के द्रुतगति से परिवर्तन के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  10. प्रश्न- सल्तनतकालीन राजतंत्र की विचारधारा स्पष्ट कीजिए।
  11. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के स्वरूप की समीक्षा कीजिए।
  12. प्रश्न- सल्तनत काल में 'दीवाने विजारत' की स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
  13. प्रश्न- सल्तनत कालीन राजदरबार एवं महल के प्रबन्ध पर एक लघु लेख लिखिए।
  14. प्रश्न- 'अमीरे हाजिब' कौन था? इसकी पदस्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
  15. प्रश्न- जजिया और जकात नामक कर क्या थे?
  16. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में राज्य की आय के प्रमुख स्रोत क्या थे?
  17. प्रश्न- दिल्ली सल्तनतकालीन भू-राजस्व व्यवस्था पर एक लेख लिखिए।
  18. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में सुल्तान की पदस्थिति स्पष्ट कीजिए।
  19. प्रश्न- दिल्ली सल्तनतकालीन न्याय-व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  20. प्रश्न- 'उलेमा वर्ग' पर एक टिपणी लिखिए।
  21. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों में सल्तनत का विशाल साम्राज्य तथा मुहम्मद तुगलक और फिरोज तुगलक की दुर्बल नीतियाँ प्रमुख थीं। स्पष्ट कीजिए।
  22. प्रश्न- विदेशी आक्रमण और केन्द्रीय शक्ति की दुर्बलता दिल्ली सल्तनत के पतन का कारण बनी। व्याख्या कीजिए।
  23. प्रश्न- अलाउद्दीन की प्रारम्भिक कठिनाइयाँ क्या थीं? अलाउद्दीन के प्रारम्भिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए यह स्पष्ट कीजिए कि उसने इन कठिनाइयों से किस प्रकार निजात पाई?
  24. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधार व बाजार नियंत्रण नीति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण विजय का विवरण दीजिए। उसकी दक्षिणी विजय की सफलता के क्या कारण थे?
  26. प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण नीति के क्या उद्देश्य थे, क्या वह उनकी पूर्ति में सफल रहा?
  27. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की विजयों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- 'खिलजी क्रांति' से क्या समझते हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण नीति के क्या उद्देश्य थे, क्या वह उनकी पूर्ति में सफल रहा?
  30. प्रश्न- खिलजी शासकों के काल में स्थापन्न कला के विकास पर टिपणी लिखिए।
  31. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का एक वीर सैनिक व कुशल सेनानायक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
  32. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की मंगोल नीति की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
  33. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की राजनीति क्या थी?
  34. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का शासक के रूप में मूल्यांकन कीजिए।
  35. प्रश्न- अलाउद्दीन की हिन्दुओं के प्रति नीति स्पष्ट करते हुए तत्कालीन हिन्दू समाज की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की राजस्व सुधार नीति के विषय में बताइए।
  37. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का प्रारम्भिक विजय का वर्णन कीजिये।
  38. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की महत्त्वाकांक्षाओं को बताइये।
  39. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधारों का लाभ-हानि के आधार पर विवेचन कीजिये।
  40. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की हिन्दुओं के प्रति नीति का वर्णन कीजिये।
  41. प्रश्न- सूफी विचारधारा क्या है? इसकी प्रमुख शाखाओं का वर्णन कीजिए तथा इसके भारत में विकास का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- भक्ति आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों, विशेषताओं और मध्यकालीन भारतीय समाज पर प्रभाव का मूल्याँकन कीजिए।
  43. प्रश्न- मध्यकालीन भारत के सन्दर्भ में भक्ति आन्दोलन को बतलाइये।
  44. प्रश्न- समाज की प्रत्येक बुराई का जीवन्त विरोध कबीर के काव्य में प्राप्त होता है। विवेचना कीजिए।
  45. प्रश्न- मानस में तुलसी द्वारा चित्रित मानव मूल्यों का परीक्षण कीजिए।
  46. प्रश्न- “मध्यकालीन युग में जन्मी, मीरा ने काव्य और भक्ति दोनों को नये आयाम दिये" कथन की समीक्षा कीजिये।
  47. प्रश्न- सूफी धर्म का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा।
  48. प्रश्न- राष्ट्रीय संगठन की भावना को जागृत करने में सूफी संतों का महत्त्वपूर्ण योगदान है? विश्लेषण कीजिए।
  49. प्रश्न- सूफी मत की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- भक्ति आन्दोलन के प्रभाव व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  51. प्रश्न- भक्ति साहित्य पर प्रकाश डालिए।
  52. प्रश्न- भक्ति आन्दोलन पर एक निबन्ध लिखिए।
  53. प्रश्न- भक्ति एवं सूफी सन्तों ने किस प्रकार सामाजिक एकता में योगदान दिया?
  54. प्रश्न- भक्ति आन्दोलन के कारण बताइए
  55. प्रश्न- सल्तनत काल में स्त्रियों की क्या दशा थी? इस काल की एकमात्र शासिका रजिया सुल्ताना के विषय में बताइये।
  56. प्रश्न- "डोमिगो पेस" द्वारा चित्रित मध्यकाल भारत के विषय में बताइये।
  57. प्रश्न- "मध्ययुग एक तरफ महिलाओं के अधिकारों का पूर्णतया हनन का युग था, वहीं दूसरी ओर कई महिलाओं ने इसी युग में अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज करायी" कथन की विवेचना कीजिये।
  58. प्रश्न- मुस्लिम काल की शिक्षा व्यवस्था का अवलोकन कीजिये।
  59. प्रश्न- नूरजहाँ के जीवन चरित्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। उसकी जहाँगीर की गृह व विदेशी नीति के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
  60. प्रश्न- सल्तनत काल में स्त्रियों की दशा कैसी थी?
  61. प्रश्न- 1200-1750 के मध्य महिलाओं की स्थिति को बताइये।
  62. प्रश्न- "देवदासी प्रथा" क्या है? व इसका स्वरूप क्या था?
  63. प्रश्न- रजिया के उत्थान और पतन पर एक टिपणी लिखिए।
  64. प्रश्न- मीराबाई पर एक टिप्पणी लिखिए।
  65. प्रश्न- रजिया सुल्तान की कठिनाइयों को बताइये?
  66. प्रश्न- रजिया सुल्तान का शासक के रूप में मूल्यांकन कीजिए।
  67. प्रश्न- अक्का महादेवी का वस्त्रों को त्याग देने से क्या आशय था?
  68. प्रश्न- रजिया सुल्तान की प्रशासनिक नीतियों का वर्णन कीजिये?
  69. प्रश्न- मुगलकालीन आइन-ए-दहशाला प्रणाली को विस्तार से समझाइए।
  70. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व का निर्धारण किस प्रकार किया जाता था? विस्तार से समीक्षा कीजिए।
  71. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व वसूली की दर का किस अनुपात में वसूली जाती थी? ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर क्षेत्रवार मूल्यांकन कीजिए।
  72. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व प्रशासन का कालक्रम विस्तार से समझाइए।
  73. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व के अतिरिक्त लागू अन्य करों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- मुगलकाल के दौरान मराठा शासन में राजस्व व्यवस्था की समीक्षा कीजिए।
  75. प्रश्न- शेरशाह की भू-राजस्व प्रणाली का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  76. प्रश्न- मुगल शासन में कृषि संसाधन का वर्णन करते हुए करारोपण के तरीके को समझाइए।
  77. प्रश्न- मुगल शासन के दौरान खुदकाश्त और पाहीकाश्त किसानों के बीच भेद कीजिए।
  78. प्रश्न- मुगलकाल में भूमि अनुदान प्रणाली को समझाइए।
  79. प्रश्न- मुगलकाल में जमींदार के अधिकार और कार्यों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- मुगलकाल में फसलों के प्रकार और आयात-निर्यात पर एक टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- अकबर के भूमि सुधार के क्या प्रभाव हुए? संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  82. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व में राहत और रियायतें विषय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  83. प्रश्न- मुगलों के अधीन हुए भारत में विदेशी व्यापार के विस्तार पर एक निबंध लिखिए।
  84. प्रश्न- मुग़ल काल में आंतरिक व्यापार की स्थिति का विस्तृत विश्लेषण कीजिए।
  85. प्रश्न- मुगलकालीन व्यापारिक मार्गों और यातायात के लिए अपनाए जाने वाले साधनों का वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- मुगलकाल में व्यापारी और महाजन की स्थितियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- 18वीं शताब्दी में मुगल शासकों का यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  88. प्रश्न- मुगलकालीन तटवर्ती और विदेशी व्यापार का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  89. प्रश्न- मुगलकाल में मध्य वर्ग की स्थिति का संक्षिप्त विवेचन कीजिये।
  90. प्रश्न- मुगलकालीन व्यापार के प्रति प्रशासन के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिये।
  91. प्रश्न- मुगलकालीन व्यापार में दलालों की स्थिति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  92. प्रश्न- मुगलकालीन भारत की मुद्रा व्यवस्था पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  93. प्रश्न- मुगलकाल के दौरान बैंकिंग प्रणाली के विकास और कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- मुगलकाल के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली हुण्डी व्यवस्था को समझाइए।
  95. प्रश्न- मुगलकालीन मुद्रा प्रणाली पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- मुगलकाल में बैंकिंग और बीमा पर प्रकाश डालिये।
  97. प्रश्न- मुगलकाल में सूदखोरी और ब्याज की दर का संक्षिप्त विवेचन कीजिये।
  98. प्रश्न- मुगलकालीन औद्योगिक विकास में कारखानों की भूमिका का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  99. प्रश्न- औरंगजेब के समय में उद्योगों के विकास की रूपरेखा का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- मुगलकाल में उद्योगों के विकास के लिए नियुक्त किए गए अधिकारियों के पद और कार्यों का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- मुगलकाल के दौरान कारीगरों की आर्थिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- 18वीं सदी के पूर्वार्ध में भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रवृत्ति की व्याख्या कीजिए।
  103. प्रश्न- मुगलकालीन कारखानों का जनसामान्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
  104. प्रश्न- यूरोपियन इतिहासकारों के नजरिए से मुगलकालीन कारीगरों की स्थिति प

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